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मनुष्य में जीवाणु रोग (bacterial diseases in human )

bacteria
bacteria
आज के समय में ग्रामीण क्षेत्र हो या शहर या हमारे आस पास का वातावरण हर जगर प्रदूषण फैला हुआ है आये दिन हमारे वातावरण में जहर घुल रहा है | अब तो जो हवा या ऑक्सीजन हम लेते है वो भी शुध्द नहीं रह गया है ,वातावरण में प्रदूषण फैलाने के साथ साथ छोटे छोटे जीव जैसे virus,bacteria,protozoaऔर भी छोटे छोटे जीव active होते जा रहे है और पहले से ज्यादा resistance के साथ जिनपर दवाओ का असर जल्दी नहीं होता है | ऐसे वातावरण में हम बहुत सारे रोगों से ग्रस्त हो जाते है |

ऐसे में हमें पहले से सतर्क रहना चाहिए और इन छोटे छोटे जीवो से होने वाले रोगों के बारे में जानना चाहिए की यह किस जीव के कारण हुआ है इसके कौन कौन से लक्षण है ताकि हम प्रारम्भिक अवस्था में घरेलु उपचार कर सके और इनसे बच सके |

आज हम जीवाणुओं  द्वारा होने वाले रोग,उससे प्रभावित होने वाले अंग ,संचरण का तरीका ,उस रोग के लक्षण  के बारे में बताएँगे |


pneumonia,bacterial infected
pneumonia infected

1-निमोनिया (pneumonia):- जीवाणु का नाम  diplococcus pneumoniae जीवाणुओं का संचरण श्वसन नली से फेफड़ो तक |

प्रभावित अंग (infected human part):- 

फेफड़े ( lungs)

रोग के लक्षण (symptoms of bacterial disease):-

ठण्ड ,छाती में दर्द ,कफ ,जल्दी जल्दी साँस लेना ,पेट दर्द ,पीलिया |





bacterial infection
tetanus from iron
2-टिटनेस (tetanus):- जीवाणु का नाम  clostridium tetani मिटटी में मौजूद जीवाणु घाव द्वारा शरीर में घुसता है | 2 से 40 दिन |

प्रभावित अंग (infected human part):-

तन्त्रिका तन्त्र (nervous system) तथा मांसपेशिया (muscles)

रोग के लक्षण (symptoms of bacterial disease):-

पेशियों में ऐठन,आक्षेप हनुस्तंभ और बंद जबड़ा |


3-हैजा (cholera):-

haija,bacterial infection
haija symptoms
जीवाणु का नाम  vibrio colerae मक्खिया ,खाना ,मल,पानी और रोग वाहक |1 से 2 दिन

प्रभावित अंग (infected human part):-

आंत (intestine)या आहार नाल |

रोग के लक्षण (symptoms of bacterial disease):-

तीव्र भयंकर दस्त ,चावल के पानी जैसी टट्टियाँ ,उलटी ,तेजी से निर्जलीकरण ,पेशियों में ऐठनऔर मूत्र बंद हो जाना अमुत्रता(anuria) |


4-डिफ्थीरिया (diphtheria):-

bacterial infection
diphtheria infected
जीवाणु का नाम cornebacterium diphtheriae रोग वाहक द्वारा जीवाणु  श्वसन नली को संक्रमित करता है ,सीधा संपर्क ,खाना द्वारा संक्रमण | 1 से 7 दिन |

प्रभावित अंग (infected human part):-

श्वास नाली  (trachea)

रोग के लक्षण (symptoms of bacterial disease):-

गला खराब ,बुखार ,उलटी ,गले में धूसर झिल्ली जैसा पदार्थ जमा हो जाना जिससे साँस लेने में कठिनाई आती है |


5-काली खाँसी (whooping cough):-

kali khansi,bacterial infection
whooping cough
जीवाणु का नाम bacillus pertussis खाँसी और छींक के दौरान निकलने वाले बिंदुक | 7 से 14 दिन |

प्रभावित अंग (infected human part):-

श्वसन तन्त्र (respiratory system )

रोग के लक्षण (symptoms of bacterial disease):-

जुकाम और सूखीखाँसी से शुरुआत ,बाद में खाँसी उग्र रूप धारण कर लेती है |खासी के 10-12 तेज आघात पड़ने के बाद में साँस भीतर खींचना |


6-सिफिलिस (syphilis):-

bacterial infection
syphilis infected
जीवाणु का नाम treponema pallidum सीधा संपर्क ,मुख्य रूप से सम्भोग द्वारा 10 से 90 दिन |

प्रभावित अंग (infected human part):-

जनन अंग (reproductive system) ,मस्तिष्क (brain) ,तन्त्रिका तन्त्र (nervous system)

रोग के लक्षण (symptoms of bacterial disease):-

जननांगो पर एक सख्त ,पीड़ा रहित घाव या व्रण (अल्सर ),विभिन्न प्रकार के चरम स्फुटन (eruption)और शरीर के किसी भाग में ऊतक का भयकर रूप से नष्ट होना |


7-प्लेग (plague):-

plague
plague infected
जीवाणु का नाम pasteurella pestis यह रोग चूहा पिस्सू द्वारा चूहे से आदमी में फैलता है | 2 से 10 |

प्रभावित अंग (infected human part):-

बगलें या काखें (armpits),फेफड़े (lungs) ,लाल रुधिर कणिकाए  (red blood corpuscles)

रोग के लक्षण (symptoms of bacterial disease):-

अचानक तेज बुखार ,उलटी ,गर्म सूखी त्वचा ,प्यास ,त्वचा पर काले धब्बे ,उरु मूल (groin) में तथा लसिका पर्वो (nodes)में सूजन |



8-मैनिंजाइटिस (meningitis):-

bacterial infection
meningitis stage
जीवाणु का नाम neisseria meningitis रोग वाहको द्वारा |

प्रभावित अंग (infected human part):-

मस्तिष्क के ऊपर की झिलियाँ ,मस्तिष्क (brain)

रोग के लक्षण (symptoms of bacterial disease):- 

तीव्र ज्वर ,बेहोशी ,मस्तिष्क की झिलियो में शोथ या सूजन |



9-बॉटयूलिस्म(botulism)या भोजन विषाक्त्तता (food poisoning):-

food poisoning
botulism infected
जीवाणु का नाम clostridium botulinum जीव खद्यो में विष उत्पन्न करते है  18 से 66 घंटे |

प्रभावित अंग (infected human part):-

तन्त्रिका तन्त्र (nervous system)

रोग के लक्षण (symptoms of bacterial disease):-

जठर आंत में बहुत सारी गड़बड़,उलटी,प्रवाहिका थकानदृष्टि में विकार ,लकवा |



10-मियादी बुखार (typhoid fever):-

typhoid
typhoid fever
जीवाणु का नाम salmonella typhi or eberthella typhosa मक्खी ,खाना ,मल,पानी और रोग वाहक | 10 से 14 दिन |

प्रभावित अंग (infected human part):-

आंत का रोग (intestinal diseases)

रोग के लक्षण (symptoms of bacterial disease):-

बुखार,मिचली,उलटी ,भयंकर  उदर पीड़ा ,ठण्ड और प्रवाहिका (diarrhoea) |


11-कुष्ठ (कोढ़ )(leprosy):-

kusht rog,koth
kusht rogi

जीवाणु का नाम mycobacterium leprae किसी संक्रमित आदमी के साथ निकट और लम्बी अवधि तक संपर्क |

प्रभावित अंग (infected human part):-

त्वचा (skin)तथा तंत्रिकाए (nerves)

रोग के लक्षण (symptoms of bacterial disease):-

व्रण गांठे ,शल्की खुरण्ड (scaly scab),अंगुलियों और अंगूठो में विकृति ,शरीर के अंगो का नष्ट होना |



12-क्षय रोग या  तपेदिक (tuberculosis):-

tapedik,tuberculosis
kshay rog infected
जीवाणु का नाम  mycobacterium tuberculosis जीवाणुओं का संचरण फेफड़ो ,हड्डियों व अन्य अंगो में सीधे संपर्क |

प्रभावित अंग (infected human part):-

शरीर का कोई भी अंग (any part of whole body), विशेषकर फेफड़े (specially lungs)

रोग के लक्षण (symptoms of bacterial disease):-

लक्षण रोगग्रस्त अंग के अनुसार अलग अलग है ,खासी,शाम को बुखार ,थकान ,वजन घटना ,x-ray द्वारा फेफड़े में संक्रमण का पता चलता है |


                                     
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