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tetanus from iron |
2-टिटनेस (tetanus):-
जीवाणु का नाम clostridium tetani मिटटी में मौजूद जीवाणु घाव द्वारा शरीर में घुसता है | 2 से 40 दिन |
प्रभावित अंग (infected human part):-
तन्त्रिका तन्त्र (nervous system) तथा मांसपेशिया (muscles)
रोग के लक्षण (symptoms of bacterial disease):-
पेशियों में ऐठन,आक्षेप हनुस्तंभ और बंद जबड़ा |
3-हैजा (cholera):-
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haija symptoms |
जीवाणु का नाम vibrio colerae मक्खिया ,खाना ,मल,पानी और रोग वाहक |1 से 2 दिन
प्रभावित अंग (infected human part):-
आंत (intestine)या आहार नाल |
रोग के लक्षण (symptoms of bacterial disease):-
तीव्र भयंकर दस्त ,चावल के पानी जैसी टट्टियाँ ,उलटी ,तेजी से निर्जलीकरण ,पेशियों में ऐठनऔर मूत्र बंद हो जाना अमुत्रता(anuria) |
4-डिफ्थीरिया (diphtheria):-
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diphtheria infected |
जीवाणु का नाम cornebacterium diphtheriae रोग वाहक द्वारा जीवाणु श्वसन नली को संक्रमित करता है ,सीधा संपर्क ,खाना द्वारा संक्रमण | 1 से 7 दिन |
प्रभावित अंग (infected human part):-
श्वास नाली (trachea)
रोग के लक्षण (symptoms of bacterial disease):-
गला खराब ,बुखार ,उलटी ,गले में धूसर झिल्ली जैसा पदार्थ जमा हो जाना जिससे साँस लेने में कठिनाई आती है |
5-काली खाँसी (whooping cough):-
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whooping cough |
जीवाणु का नाम bacillus pertussis खाँसी और छींक के दौरान निकलने वाले बिंदुक | 7 से 14 दिन |
प्रभावित अंग (infected human part):-
श्वसन तन्त्र (respiratory system )
रोग के लक्षण (symptoms of bacterial disease):-
जुकाम और सूखीखाँसी से शुरुआत ,बाद में खाँसी उग्र रूप धारण कर लेती है |खासी के 10-12 तेज आघात पड़ने के बाद में साँस भीतर खींचना |
6-सिफिलिस (syphilis):-
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syphilis infected |
जीवाणु का नाम treponema pallidum सीधा संपर्क ,मुख्य रूप से सम्भोग द्वारा 10 से 90 दिन |
प्रभावित अंग (infected human part):-
जनन अंग (reproductive system) ,मस्तिष्क (brain) ,तन्त्रिका तन्त्र (nervous system)
रोग के लक्षण (symptoms of bacterial disease):-
जननांगो पर एक सख्त ,पीड़ा रहित घाव या व्रण (अल्सर ),विभिन्न प्रकार के चरम स्फुटन (eruption)और शरीर के किसी भाग में ऊतक का भयकर रूप से नष्ट होना |
7-प्लेग (plague):-
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plague infected |
जीवाणु का नाम pasteurella pestis यह रोग चूहा पिस्सू द्वारा चूहे से आदमी में फैलता है | 2 से 10 |
प्रभावित अंग (infected human part):-
बगलें या काखें (armpits),फेफड़े (lungs) ,लाल रुधिर कणिकाए (red blood corpuscles)
रोग के लक्षण (symptoms of bacterial disease):-
अचानक तेज बुखार ,उलटी ,गर्म सूखी त्वचा ,प्यास ,त्वचा पर काले धब्बे ,उरु मूल (groin) में तथा लसिका पर्वो (nodes)में सूजन |
8-मैनिंजाइटिस (meningitis):-
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meningitis stage |
जीवाणु का नाम neisseria meningitis रोग वाहको द्वारा |
प्रभावित अंग (infected human part):-
मस्तिष्क के ऊपर की झिलियाँ ,मस्तिष्क (brain)
रोग के लक्षण (symptoms of bacterial disease):-
तीव्र ज्वर ,बेहोशी ,मस्तिष्क की झिलियो में शोथ या सूजन |
9-बॉटयूलिस्म(botulism)या भोजन विषाक्त्तता (food poisoning):-
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botulism infected |
जीवाणु का नाम clostridium botulinum जीव खद्यो में विष उत्पन्न करते है 18 से 66 घंटे |
प्रभावित अंग (infected human part):-
तन्त्रिका तन्त्र (nervous system)
रोग के लक्षण (symptoms of bacterial disease):-
जठर आंत में बहुत सारी गड़बड़,उलटी,प्रवाहिका थकानदृष्टि में विकार ,लकवा |
10-मियादी बुखार (typhoid fever):-
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typhoid fever |
जीवाणु का नाम salmonella typhi or eberthella typhosa मक्खी ,खाना ,मल,पानी और रोग वाहक | 10 से 14 दिन |
प्रभावित अंग (infected human part):-
आंत का रोग (intestinal diseases)
रोग के लक्षण (symptoms of bacterial disease):-
बुखार,मिचली,उलटी ,भयंकर उदर पीड़ा ,ठण्ड और प्रवाहिका (diarrhoea) |
11-कुष्ठ (कोढ़ )(leprosy):-
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kusht rogi |
जीवाणु का नाम mycobacterium leprae किसी संक्रमित आदमी के साथ निकट और लम्बी अवधि तक संपर्क |
प्रभावित अंग (infected human part):-
त्वचा (skin)तथा तंत्रिकाए (nerves)
रोग के लक्षण (symptoms of bacterial disease):-
व्रण गांठे ,शल्की खुरण्ड (scaly scab),अंगुलियों और अंगूठो में विकृति ,शरीर के अंगो का नष्ट होना |
12-क्षय रोग या तपेदिक (tuberculosis):-
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kshay rog infected |
जीवाणु का नाम mycobacterium tuberculosis जीवाणुओं का संचरण फेफड़ो ,हड्डियों व अन्य अंगो में सीधे संपर्क |
प्रभावित अंग (infected human part):-
शरीर का कोई भी अंग (any part of whole body), विशेषकर फेफड़े (specially lungs)
रोग के लक्षण (symptoms of bacterial disease):-
लक्षण रोगग्रस्त अंग के अनुसार अलग अलग है ,खासी,शाम को बुखार ,थकान ,वजन घटना ,x-ray द्वारा फेफड़े में संक्रमण का पता चलता है |
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