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कॉपीराइट क्या है ( copyright )

copyright symbol


जब भी कोई व्यक्ति अपने मन में उठे विचार को किसी भी रूप में दर्शाता है तब वह किसी न किसी रचना का सृजन करता है और वह रचयिता हो जाता है |  इस नयी रचना या इसके किसी महत्वपूर्ण भाग का किसी भी रूप में इस्तेमाल करने का अधिकार ही कॉपीराइट कहलाता है | सब चलता है कहते हुए कॉपीराइट का वयोलासन  (violation) किया जाना काफी भारी पड़ सकता है इसलिए जानना जरुरी है की कॉपीराइट क्या है ?और कैसे हम अपनी अज्ञानता और लापरवाही से इन सबका दुरूपयोग करने से बच सकते है |

तो आज के इस पोस्ट में जानकारी देने वाला हूँ की कॉपीराइट क्या है और भारत में कॉपीराइट पर क्या कानून हैं|


कॉपीराइट की शुरुआत (starting of copyright):-


कॉपीराइट का अधिकार नेचुरल या फिर दीवानी अधिकार नहीं  है | ये कानून द्वारा संरक्षित कण्ट्रोल किया  जाता है |  सबसे पहले 1662 में ब्रिटिश संसद ने licensing of press एक्ट पारित किया | प्रिंटिंग प्रेस और  मशीनो के विकास और प्रसार ने धीरे धीरे इस अधिकार के जरुरत  को दुनिया भर में पंहुचा दिया | और इसके बाद दुसरो देशो में भी इस तरह के कानून बनने लगे लेकिन ये कानून रचयिता और बिजनेसमैन   को सिर्फ अपने ही देश में प्रोडक्शन प्रदान कर सके किसी भी रचना की दुसरे देश में कितनी भी कॉपिया बनायीं जा सकती थी और बाटा  जा सकता था | इस  पर रोक लगाने  के लिये देशो के बीच सन्धिया होने लगी जिन्हें कानून में स्थान दिया जाने लगा |


आज लगभग सभी देशो में कॉपीराइट पर हुए संधियो में से किसी एक का पक्षकार है | इससे इस अधिकार को लगभग पूरी दुनिया में मान्यता प्राप्त हो चुकी है |


भारत में कॉपीराइट लॉ  क्या है (what is copyright law in India):-



भारत में कॉपीराइट  की शुरुआत भारतीय कॉपीराइट एक्ट 1914 से शुरू हुई थी जो उस समय इंग्लैंड में चलने वाले अंग्रेजी कानून  कॉपीराइट एक्ट 1911,UK में मामूली हेर फेर के साथ बनाया गया था आजादी के बाद देश में कॉपीराइट पर एक सम्पूर्ण और फ्री कानून  की जरुरत महसूस की जाने लगी broadcasting और lithographic जैसे आधुनिक संचार माध्यमो और भारत सरकार द्वारा  संसद में  कॉपीराइट एक्ट 1957 पास किया जो वक्त पर बदलते हुए हालात पर संसोधित किया जाता रहा है |


कॉपीराइट किसी भी रचना के तैयार हो जाने पर या फर्स्ट पब्लिकेशन के साथ ही शुरू हो जाता है इसकी रजिस्ट्रेशन की कोई जरुरत नहीं है लेकिन इसके साबुत के लिए की किसी विशेष रचना पर किस व्यक्ति का कॉपीराइट है कॉपीराइट की व्यवस्था है | इसका भारत देश में एकमात्र ऑफिस नयी दिल्ली में है |


भारत में कॉपीराइट का ownership रचनाकार का होता है लेकिन कोई व्यक्ति किसी दुसरे व्यक्ति या दुसरे कम्पनी के साथ किसी कॉन्ट्रैक्ट या उसके शर्तो के मुताबिक काम करते हुए रचना करता है तो उस रचना पर पहला हक़ उस कम्पनी का होता है जिसके लिए वह कॉन्ट्रैक्ट पर कम करता है |


किसी भी रचना मे कॉपीराइट का ownership उस रचना के लेखक की मृत्यु के अगले कैलेंडर वर्ष के शुरुआत से लेकर 60 वर्ष तक रहता है लेकिन फोटो ग्राफ, फिल्म ,साउंड रिकॉर्डिंग ,कंप्यूटर प्रोग्रेमस ,सरकारी कामो और इंटरनेशनल  कामो में कॉपीराइट का अधिकार रचना के प्रकाशन से 60 सालो तक ही रहता है | इस अवधि के समाप्त हो जाने पर रचना पर कॉपीराइट का अधिकार समाप्त हो जाता है और वो रचना पब्लिक डोमेन में चली जाती  है | तब उस काम का कोई भी व्यक्ति इस्तेमाल कर सकता है |


कॉपीराइट का अधिकार कोई भी रचनाकार अपनी इच्छा से छोड़ना चाहे तो कॉपीराइट रजिस्ट्रार को नोटिस
देकर के वो ऐसा कर सकता है | कॉपीराइट रजिस्ट्रार इसकी अधिसूचना जरी कर देता है | दरअसल कॉपीराइट self acquired प्रॉपर्टी की तरह है जिसे उसका स्वामी ट्रान्सफर कर सकता है उसके इस्तेमाल को दुसरे को लाइसेंस दे सकता है उसकी वसीहत कर सकता है और अगर वह वसीहत नहीं करता तो उसके जीवन काल के बाद यह अधिकार कॉपीराइट के स्वामी पर प्रभावी पर्सनल लॉ के मुताबिक उसके उतराधिकारी को प्राप्त हो जाता है |


कॉपीराइटके तहत किसी भी रचना को किसी भी तरह से पेश करना या इलेक्ट्रॉनिक विधि से किसी की किसी भी माध्यम में जमा करना सामिल है  | इसके अलावा किसी भी रचना की कॉपीया आम लोगो में बटना उसका सार्वजनिक प्रदर्शन करना प्रचार करना ,उसके सम्बन्ध में फिल्म बनाना ,उसे दिखाना  साउंड रिकॉर्डिंग करना ,conversion करना ,अनुबाद करना कॉपीराइट के दायरे में सामिल है | एक अनुवाद को भी फ्री ओरिजिनल कम्पोजीशन माना गया है अगर वो मूल रचना के स्वामी के मानने पर किया गया हो |

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कॉपीराइट बयोलेसन क्या है (what is copyright violation)  :-



अगर कोई व्यक्ति कॉपीराइट के स्वामी की इजाजत के विना या कॉपीराइट पंचीकरण से license प्राप्त किये बिना रचना का इस्तेमाल करता है या लाइसेंस की शर्तो का वयोलेसन करता है या उस रचना की उलंगनकारी कॉपिया बेचने के लिए बनता है या भाड़े पर लेता है या बिजनेस के लिए पब्लिश करता है या बेचने या भाड़े पर  देने का प्रस्ताव करता है या बिजनेस के लिए बाटता है जिससे उसका स्वामी प्रभवित होता है या फिर बिजनेस रूप से या सार्वजनिक रूप से उसको पब्लिश करता है तो उस रचना में कॉपीराइट का वयोलेसन माना जाता है |



कॉपीराइट वयोलेसन पर क्या सजा है (what punishment on copyright violation ) :-



कॉपीराइट के वयोलेसन से जुड़े हुए मामलो में उसे रोकने के लिए ,compensation लेने के लिए  ,हिसाब किताब मांगने के उद्देश्य से ऐसे  कई मकसदो के लिए दीवानीवाद पेश किया जा सकता है | इसी तरह से कॉपीराइट के अनेक प्रकार  के वयोलेसन को अपराध बनाया गया है | आरोप साबित हो जाने पर अभियुक्त को जुर्माने से लेकर तीन साल की कारावास की सजा दी जा सकती है |



फेयर यूज (fair use):-


आप लोगो ने सुना होगा की कॉपीराइट मटेरियल को इस्तेमाल कर सकते है लेकिन फेयर यूज के अंतर्गत तो आप लोगो को बताऊंगा की फेयर यूज क्या होता है |

कॉपीराइट -कॉपीराइट एक्ट क्रिएशन के स्वामी के अलावा दुसरे व्यक्ति द्वारा किये जा रहे अनकण्ट्रोल  इस्तेमाल को सिमित करने के लिए बनाया गया था | लेकिन इससे एजुकेशन ,नालेज और आर्ट के प्रोत्साहन के प्रसार को बाधा पहुचने का खतरा भी कम नहीं था इसी बजह से प्रश्नाव के कुछ उपयोग  ऐसे भी निर्धारित किये गए जिसमे कॉपीराइट का वयोलेसन नहीं माना गया |

जैसे कंप्यूटर प्रोग्राम के अलावा ,हिस्ट्री ,और नाटक या म्यूजिक या आर्ट रचनाओ का व्यक्तिगत रिसर्च में उपयोग करना ,रचना की आलोचना ,या फिर उनकी रिव्यु करने के लिए किया गया किसी भी व्यवहार को कॉपीराइट वयोलेसन नहीं माना  गया है |  किसी समाचार पत्र या पत्रिका ,फिल्मो या चित्रों में broadcasting के किये किया गया समुचित उपयोग भी कॉपीराइट का वयोलेसन नहीं है |



निष्कर्ष (conclusion ):-


कॉपीराइट लॉ एक ऐसा लॉ है जो  INTELLECTUAL  प्रॉपर्टी को प्रोटेक्ट करने के लिए बनाया गया है |  INTELLECTUAL प्रॉपर्टी  उन प्रॉपर्टीज को कहा जाता है जिनको हम छू नहीं सकते जिनकी कोई फिजिकल शेप नहीं  होती  है  जैसे  की  म्यूजिक , सोंग ,या  फिर  कोई  विडियो ,या  फिर  कोई आर्टिकल  ये सारी चीजे INTELLECTUAL प्रॉपर्टी  कहलाती है तो  कॉपीराइट लॉ के द्वारा इन  INTELLECTUAL प्रॉपर्टी  को प्रोटेक्ट किया जाता है जब भी कोई व्यक्ति अपने दिमाग से सोंग बनता है या फिर कोई विडियो बनता है या फिर और कोई  ऐसा काम करता है जो  INTELLECTUAL प्रॉपर्टी  में आता है तो उन सारी चीजो पर उसका कॉपीराइट हो जाता है उनको कोई भी दूसरा व्यक्ति बिना उसके सहमती के उसका इस्तेमाल नहीं कर सकता है |


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