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मनोवैज्ञानिक तथ्य (Psychological fact )

psychological fact क्या आप अपने जीवन से जुड़ी इंटरेस्टिंग मनोवैज्ञानिक तथ्य(psychological fact ) को जानते है जो आप हर समय उसका उपयोग या आप के साथ घटित होता रहता है | वैसे तो वहुत सरे लोगो को मालूम है लेकिन आप लोग ये नहीं जानते होंगे की ये एक मनोवैज्ञानिक तथ्य है | आज आप लोगो को जीवन से जुडी उन्ही मनोवैज्ञानिक तथ्य (psychological fact ) के बारे में बताने जा रहा हूँ |



अवधान (Attention):-


व्यक्ति जिस वातावरण में रहता है। उसमें अनेक उद्दीपक (stimulus) मौजूद रहते हैं, लेकिन यह आवश्यक नहीं है कि व्यक्ति एकसाथ इन सभी उद्दीपकों पर एकाग्रचित हो। एक बार में व्यक्ति कुछ चुनिंदा उद्दीपक पर ही एकाग्रचित हो पाता है। चेतन मन द्वारा अपने वातावरण उपस्थित चुनिंदा उद्दीपक पर फोकस करने की इसी प्रक्रिया को ही ध्यान (attention) में कहते हैं।

जैसे आप किसी ग्रुप में बैठे हो और किसी एक से बाते कर रहे हो और दूसरा आप को बुला रहा हो या कुछ कह रहा हो एकदम आप के नजदीक से ही तो आप उसकी बात सुन पते है क्योकि आप ने अपना सारा ध्यान आप जिससे बात  कर  रहे है वहा लगता है इस अवस्था को अवधान (attention) कहते है |



स्मृति (Memory):-


स्मृति एक मानसिक प्रक्रिया है, जिसमें व्यक्ति अनुभव किए गए अथवा सीखे गए अनुभवों को मस्तिष्क में एकत्र करके रखता है। स्मृति वह योग्यता है, जिसके द्वारा कोई व्यक्ति अतीत में सीखी गई अथवा अनुभव की गई बातों को वर्तमान समय में दोहरा पाता है।

जैसे कोई चीज आप ने बचपन में सिखी हो वो आप को जरुरत पड़ने पर
याद आती है ये यांदे  जहा स्टोर होती है उसे स्मृति (memory) कहते है |



विस्मरण (Forgetting):-


अनुभवों के स्मृति से नष्ट हो जाने की प्रक्रिया विस्मरण कहलाती है। विस्मरण स्मृति का नकारात्मक पहलू है। पूर्व में सीखी गई बातों को पुनः स्मरण न कर पाने की स्थिति ही विस्मरण कहलाती है।

 ये तो 100 में 99.99% लोगो के साथ होता है की वो अपने जीवन में कुछ ना कुछ कही न कही भूल ही जाता है |इसमें उदाहरण की जरुरत नहीं है |



अभिवृत्ति (Attitude):-


किसी व्यक्ति, वस्तु घटना, स्थान और परिस्थिति के प्रति अनुकूल और प्रतिकूल प्रतिक्रिया है।

जैसे मान लीजिये कोई व्यक्ति है उका आप से कोई कम है तो नरमी से पेश आएगा और जब उसका समय आएगा तो वह समय का एडवांटेज लेगा इसी को परिस्थिति के प्रति अनुकूल और प्रतिकूल प्रतिक्रिया है इसे ही attitude कहते है |



हैबिट (Habit):-


शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के शब्द Habitus से हुई है जिसका अर्थ है किसी चीज को अपने आप में ढालना ।

जैसे आप क्रिकेट खेलते हो तो आपने आप को उस वातानुकूलित ढाल लेना ,यदि आप बैडमिंटन खेलते हो तो उस वातानुकूलित ढाल लेना,आपको पढना अच्छा लगता है तो उस situation में ढाल लेना |



रुचि (Interest):-


रुचि वह अभिप्रेरक शक्ति है। जो हमें किसी व्यक्ति, वस्तु अथवा क्रिया के प्रति ध्यान हेतु अभिप्रेरित करती है।

जैसे मान लीजिये  आप किसी कम को बड़ी खूबी या तल्लीनता से कारते है और आप के आस पास क्या हो रहा है पता ही ना चले या समय का आप को कोई अंदाजा ही ना हो | मूवीज तो बहुत होती है पर पसंद कुछ ही आता
है और आप उसे बड़े ध्यान से देखते है उसे ही रूचि (interest) कहते है |



समायोजन (Adjustment):-


समायोजन वह प्रक्रिया है। जिसके द्वारा जीवित प्राणी अपनी आवश्यकताओं तथा इन आवश्यकताओं को सन्तुष्ट करने वाली परिस्थितियों के साथ सन्तुलन स्थापित करता है।

जिंदगी में आप के साथ बहुत बार आया होगा की आप आपने दोस्त या रिश्तेदार को अपने बेड पर सुलाना नहीं चाहते हो पर सुलाना पड़ा हो ,आप कभी ट्रेन में गए ही होंगे  वो सबसे अच्छा example है की एक सिट हो और जाने वाले दो तब आप समायोजन (adjustment) करते है



अभियोग्यता (Aptitude):-


कई लोगो को aptitude और attitude दोनों एक से लगते होंगे लेकिन ये एक दुसरे से बहुत भिन्न है चलिए जानते है aptitude को |

अभियोग्यता से तात्पर्य विभिन्न क्षेत्र में कार्यकुशलता या ज्ञान प्राप्त करने की अर्जित या जन्मजात क्षमता से है।

  1. बाल्यावस्था में संग्रह की प्रवृत्ति अन्य अवस्थाओं की अपेक्षा अधिक होती है।
  2. किशोरावस्था की प्रमुख समस्या ‘समायोजन' है।
  3. मानसिक विकास की गति शैशवावस्था में सर्वाधिक होती है।
  4. क्रोध (anger) संवेग का विकास 8-9 वर्ष की आयु में होता है।
  5. बालक में सामाजिक गुणों के विकास का पहला परिवार विद्यालय होता है।
  6. बालकों का विकास 'सामान्य क्रियाओं से विशिष्ट क्रियाओं की ओर' होता हैं।
  7. बालक में सर्वप्रथम भय एवं प्रेम संवेग विकसित होते हैं।
  8. किलपैट्रिक ने किशोरावस्था को 'जीवन का सबसे कठिन काल' कहा है।
  9. जन्म के समय शिशु में उत्तेजना के अनुभव के अलावा कोई संवेग नहीं होता है।

                               

   

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