आप अक्सर कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी शब्द किसी हॉस्पिटल या नर्सिग होम में सुना होगा | या आप के आस पास किसी को कैंसर हुआ होता है तो वो कहते है की उसका कीमोथेरेपी चल रहा है | क्या आप में कभी सोचा या जानने की कोशिश की किकीमोथेरेपी क्या होता है ये कैसे कम करता है | तो चलिए आज उसके बारे में थोड़ा जानकारी ले लेते है | आज मै आप को मेडिकल से जुड़े कुछ टेस्ट के बारे में भी बताऊंगा की कौन सा टेस्ट किस बीमारी के लिए होता है |

कीमोथैरेपी (Chemotherapy) या रसायन चिकित्सा एक ऐसा औषधीय उपचार है, जो कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए दिया जाता है।
कीमोथैरेपी शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है-कैमिकल अर्थात रसायन और थैरेपी अर्थात उपचार। किस प्रकार की कीमोथैरेपी दी जाए, इसका निर्णय इस
बात पर निर्भर करेगा कि. आपका किस प्रकार का कैंसर है। कीमोथैरेपी अकेले भी दी जा सकती है या सर्जरी अथवा रेडियोथैरेपी के साथ भी।
कीमोथैरेपी के फायदे इस बात पर निर्भर करते हैं कि आपको किस प्रकार का कैंसर है और वह कितना बढ़ चुका है। कीमोथैरेपी का उद्देश्य
आयनकारी विकिरण का उपयोग करके की जाने वाली चिकित्सा विकिरण चिकित्सा (Radiation therapy or radiation oncology, or radiotherapy) कहलाती है। यह प्राय: कैंसर के उपचार में खराब (malignant) कोशिकाओं को मारने के काम आती है।
1. विडाल परीक्षण एन्टेरिक फीवर के डायग्नोसिस हेतु
2. कोल्ड हीमएग्लूटिनेशन परीक्षण माइकोप्लाज्मा के द्वारा होने वाले प्राइमरी एटिपिकल न्यूमोनिया के डायग्नोसिस हेतु
3. काम्प्लीमेन्ट फिक्सेसन परीक्षण गोनोरिया, सिफिलिन, टायफस फीवर आदि के सीरोलॉजिकल डायग्नोसिस के लिए।
4. पॉल बनेल परीक्षण संक्रमित मोनोन्यूक्लियोसिस के डायग्नोसिस हेतु
5. वील फेलिक्स परीक्षण टायफस फीवर के डायग्नोसिस हेतु
6. स्ट्रेप्टोकोकस एम. जी. एग्लूटिनेशन माइकोप्लाज्मा द्वारा होने वाले प्राइमरी एटिपिकल
परीक्षण न्यूमोनिया के डायग्नोसिस हेतु
7. शिक परीक्षण डिप्थीरिया के विरुद्ध उपस्थित रोग प्रतिरोधक क्षमता का पता लगाने के लिए
8. डिक परीक्षण स्कारलेट फीवर के विरुद्ध टीकाकरण की आवश्यकता का पता लगाने के लिए
9. मोनटेक्स परीक्षण रोगी क्षय रोग के विरुद्ध प्रतिरक्षित है या नहीं, यह पता लगाने के लिए
10. लेप्रोमिन परीक्षण लेप्रोसी रोगियों में प्रयुक्त
11. फ्रायस परीक्षण लिम्फोग्रेन्युलोमा के डायग्नोसिस हेतु
12. ब्रूसेलिन परीक्षण ब्रूसेलोसिस के डायग्नोसिस हेतु
वायरस द्वारा होने वाले रोगों के बारे में जानने के लिए click here
प्रोटोजुआ द्वारा होने वाले रोगों के बारे में जानने के लिए click here
रसायन चिकित्सा (Chemotherapy):-

कीमोथैरेपी (Chemotherapy) या रसायन चिकित्सा एक ऐसा औषधीय उपचार है, जो कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए दिया जाता है।
कीमोथैरेपी शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है-कैमिकल अर्थात रसायन और थैरेपी अर्थात उपचार। किस प्रकार की कीमोथैरेपी दी जाए, इसका निर्णय इस
बात पर निर्भर करेगा कि. आपका किस प्रकार का कैंसर है। कीमोथैरेपी अकेले भी दी जा सकती है या सर्जरी अथवा रेडियोथैरेपी के साथ भी।
कीमोथैरेपी उपचार के फायदे (benefit of chemotherapy):-
कीमोथैरेपी के फायदे इस बात पर निर्भर करते हैं कि आपको किस प्रकार का कैंसर है और वह कितना बढ़ चुका है। कीमोथैरेपी का उद्देश्य
• कैंसर की सभी कोशिकाओं को नष्ट करते हुए कैंसर से मुक्ति दिलाना।
• कैंसर के वापस लौटने की गुंजाइश को कम करने के लिए कैंसर की ऐसी सभी कोशिकाओं को नष्ट
करना, जो शरीर में मौजूद तो होती हैं, पर इतनी छोटी होती हैं कि उनका पता लगाना मुश्किल हो जाता है।
• सर्जरी या रेडियोथैरेपी से पहले कैंसर के प्रभाव को कम करना।
• सम्भावित रोग लक्षणों से राहत के लिए कैंसर के बढ़ने और फैलने पर रोक लगाना।
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बैक्टीरियल डिजीज को जानने के लिए click here
रेडियोथैरेपी (Radiotherapy):-
आयनकारी विकिरण का उपयोग करके की जाने वाली चिकित्सा विकिरण चिकित्सा (Radiation therapy or radiation oncology, or radiotherapy) कहलाती है। यह प्राय: कैंसर के उपचार में खराब (malignant) कोशिकाओं को मारने के काम आती है।
विभिन्न सीरोलोजिकल एवं त्वचा परीक्षण(Different serological & skin test):-
परीक्षण का नाम (name of test) उद्देश्य
1. विडाल परीक्षण एन्टेरिक फीवर के डायग्नोसिस हेतु
2. कोल्ड हीमएग्लूटिनेशन परीक्षण माइकोप्लाज्मा के द्वारा होने वाले प्राइमरी एटिपिकल न्यूमोनिया के डायग्नोसिस हेतु
3. काम्प्लीमेन्ट फिक्सेसन परीक्षण गोनोरिया, सिफिलिन, टायफस फीवर आदि के सीरोलॉजिकल डायग्नोसिस के लिए।
4. पॉल बनेल परीक्षण संक्रमित मोनोन्यूक्लियोसिस के डायग्नोसिस हेतु
5. वील फेलिक्स परीक्षण टायफस फीवर के डायग्नोसिस हेतु
6. स्ट्रेप्टोकोकस एम. जी. एग्लूटिनेशन माइकोप्लाज्मा द्वारा होने वाले प्राइमरी एटिपिकल
परीक्षण न्यूमोनिया के डायग्नोसिस हेतु
7. शिक परीक्षण डिप्थीरिया के विरुद्ध उपस्थित रोग प्रतिरोधक क्षमता का पता लगाने के लिए
8. डिक परीक्षण स्कारलेट फीवर के विरुद्ध टीकाकरण की आवश्यकता का पता लगाने के लिए
9. मोनटेक्स परीक्षण रोगी क्षय रोग के विरुद्ध प्रतिरक्षित है या नहीं, यह पता लगाने के लिए
10. लेप्रोमिन परीक्षण लेप्रोसी रोगियों में प्रयुक्त
11. फ्रायस परीक्षण लिम्फोग्रेन्युलोमा के डायग्नोसिस हेतु
12. ब्रूसेलिन परीक्षण ब्रूसेलोसिस के डायग्नोसिस हेतु
वायरस द्वारा होने वाले रोगों के बारे में जानने के लिए click here
प्रोटोजुआ द्वारा होने वाले रोगों के बारे में जानने के लिए click here
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